BRABU Practical Marks App: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) में प्रैक्टिकल के अंक को तैयार करने और उसे बिहार विश्वविद्यालय तक भेजने के लिए एक एप विकसित किया जा रहा है। इस एप में इंटरनल परीक्षा में 30 से अधिक अंक दिये जाने पर एप लॉक हो जायेगा।
इससे परीक्षा में शुचिता आएगी। बीआरएबीयू प्रशासन इस एप को बनाने में जोर शोर से लगा हुआ है। इस एप के बन जाने से परीक्षा में पेंडिंग रिज़ल्ट भी कम हो जायेगा।
एप तैयार हो जाने के बाद अंक भेजने में नहीं होगी गड़बड़ीः
विश्वविद्यालय के अनुसार, परीक्षा में पेंडिंग ठीक करने के लिए भी इस एप को विकसित किया जा रहा है। इस एप से ही कॉलेज इंटरनल के अंक को तैयार कर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग को भेजेंगे। इससे नंबर चढ़ाने में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
इससे पहले भी विश्वविद्यालय दाखिले के आवेदन के लिए एक एप तैयार कर चुका है। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय के आने के बाद पहली बार तकनीक के सहारे छात्रों की समस्या दूर करने की कोशिश की जा रही है।
BRABU Practical Marks App:
प्राचार्य की निगरानी में जायेगा अंक एप के माध्यम से इंटरनल के अंक कॉलेज के प्राचार्य की निगरानी में भेजा जायेगा। एप पर डाले गये अंक को कॉलेज के प्राचार्य खुद से चेक करेगें। इसके बाद उसे परीक्षा विभाग में अंतिम रूप से भेजा जायेगा। प्राचार्य यह भी देख लेंगे कि इंटरनल के अंक फार्मेट में सही तरीके से भरे गये हैं या नहीं।
गलत फॉर्मेट में अंक भेजने से हर बार फंसता है रिजल्ट:
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में हर परीक्षा के बाद रिजल्ट पेंडिंग होता है। इसका कारण कॉलेजों का गलत फार्मेट में रिजल्ट भेजना है। कॉलेजों को एक्सेल सीट(Excel sheet) में इंटरनल का अंक भेजने का निर्देश है, लेकिन जो फार्मेट परीक्षा विभाग ने जारी किया है,
उसके अनुसार नंबर भरकर नहीं आते हैं। नंबर फार्मेट में नहीं आने के कारण बहुत बच्चों का रिजल्ट पेंडिंग होता है। परीक्षा विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि कई कॉलेज गलत ईमेल पर इंटरनल के रिजल्ट भेज देते हैं, इसलिए भी रिजल्ट पेंडिंग होता है।
एप में बने बॉक्स में देने होंगे ब्योरा व नंबर :
इंटरनल के अंक देने के लिए तैयार किये जा रहे एप में कई बॉक्स होंगे। उसी बॉक्स में छात्रों का नंबर और उनका ब्योरा कॉलेजों को भरना होगा। एप में ही छात्रों का रजिस्ट्रेशन नंबर, रोल नंबर, किस विषय में कितने अंक आये हैं, सभी को बॉक्स में भरना होगा।
इसे भरने के बाद यह परीक्षा विभाग के पास पहुंच जायेगा। इसके बाद छात्रों के टीआर में अंक डाल दिया जायेगा। विश्वविद्यालय का कहना है कि एप के इस्तेमाल से किसी भी विषय में नंबर नहीं भरे जाने की समस्या का समाधान हो जायेगा।